मीडिया के स्पिन डॉक्टर्स दोबारा अपनी गुमराह करने वाली दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं!

 मीडिया के स्पिन डॉक्टर्स दोबारा अपनी गुमराह करने वाली दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं!




जस्टिस मार्कंडेय काटजू , पूर्व न्यायाधीश , सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया

डोनाल्ड ट्रम्प ने भले ही अमेरिकी मीडिया को जनता का दुश्मन कहकर सही बात न कहा  होलेकिन झूठ बोलनाफर्जी खबरें फैलानासांप्रदायिक घृणा को उकसाना बेशर्म चाटुकारिताबड़े पैमाने पर बिकी हुई, दुष्कर्म करने वाली  अधिकांश भारतीय मीडिया का हालिया रिकॉर्ड देखकर उनको जनता का दुश्मन करार देना कुछ गलत  होगा।

इसके झूठा प्रचार, स्पिन और विरूपण का नवीनतम उदाहरण गणतंत्र दिवस पर आंदोलनकारी किसानों द्वारा लाल किले पर सिख ध्वज फहराने को लेकर था  इस तथाकथित  'राष्ट्रविरोधीकृत्य और हमारे राष्ट्रीय ध्वज का 'अपमानकरने के लिए ऐसा उपद्रवहोहल्ला और  बात का बतंगढ़ बनाया गया कि कोई सोचता होगा अब तक आकाश क्यों नहीं गिर पड़ा ?

मैंने पहले ही अपने लेख ' The truth about the farmers parade and actions on 26th January '  जो  indicanews.com में प्रकाशित है , में इस बारे में अपने विचार व्यक्त किये हैं कि झंडा फहराना महज़  एक छोटी सी घटना थी और कोई बड़ी बात नहींक्योंकि इस से किसी को कोई  नुकसान नहीं पहुंचता। यह दशकों से चलते आरहे हमारे राजनीतिक नेताओं द्वारा किए गए भीषण  दुष्कर्मोंजिसने देश को आपदा और बर्बादी के कगार पर ला दिया है,  जिसपर हमारा  गोदी मीडिया बड़े पैमाने पर आँखें मूंदे हुए हैं, महत्वहीन है I वास्तव में देश का अपमान इन नेताओं ने किया है I

 मेरे उपरोक्त लेख में एक बात जो रह गयी थी , और जो मुझे बाद में पता चली , वह यह थी कि किसानों द्वारा लाल किले पर फहराया गया झंडा खालिस्तानी झंडा नहीं थाबल्कि निशान साहबजो सिख ध्वज है जो हर गुरुद्वारे में पाया जाता है  साथ हीराष्ट्रीय ध्वज को नहीं हटाया गया थालेकिन लाल किले पर एक और मस्तूल ( mast ) पर निशान साहब को फहराया गया था।

हमारे 'गोदीमीडिया द्वारा इन तथ्यों को जानबूझकर दबाया गया / विकृत किया गया,  किसानों के आंदोलन को शर्मनाक तरीके से बदनाम किया गयाऔर इसे देश विरोधी और आतंकवादियों के नेतृत्व हेतु किया गया कृत्य चित्रित किया गया (हालांकि सच्चाई यह है कि यह इतिहास रच रहा हैजिसके बारे में मेरे लेख ' The historical significance of the farmers agitation '  को  indicanews.com पर देखें)

लाल किले पर निशान साहब को फहराने में क्या गलत थाहालांकि भारत में सभी किसान इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैंसच्चाई यह है कि नेतृत्व वास्तव में हमारे बहादुर सिखों द्वारा दिया जा रहा हैजो सभी बाधाओं के बावजूद, अपने दृढ़ संकल्प के कारण उनके खिलाफ हो रहे सभी गोएबेलसियन ( Goebbelsian ) प्रचार से बेपरवाह हैं,  जिसने उन्हें खालिस्तानियोंपाकिस्तानियोंमाओवादियों और देशद्रोहियों के रूप में दर्शाया I उन्हें  दो महीनों से अधिक समय से  ठंड के मौसम और अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, फिर भी वह बिना किसी शिकायत वह सभी कष्टों का सामना करते  रहे I तो इसमें गलत ही क्या है कि निशान साहब फहराया गया ?

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