होली की वर्तमान समय में प्रासंगिकता

पौराणिक कथाएँ आज भी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अपनी एक अलग पहचान रखते हुए हम सभी को निर्देशित करती रहतीं हैं, जैसे होली, दीपावली तथा अन्य सभी पर्व प्रत्येक वर्ष हमें हमारे जीवन में अपने नये-नये गुणों से सींचते हुए जीवन को नयेपन का अहसास दिलाती रहती हैं! होली जो कि 29/03/2021 तारीख को है! यह हमे प्रत्येक दिन के दिनचर्या में होने वाली बहुत सारी चीजों से रूबरू करवाता है! होली प्राचीन मान्यताओं के अनुसार हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के द्वारा किये गए एक ऐसे कृत्य के उपरांत मनाया जाता है, जो आज भी हम सभी के लिए प्रासंगिक है, दरअसल होलिका ने एक छोटे से बच्चे प्रहलाद को मारने के लिए उसे आग में लेकर बैठ गयी थी! परिणामस्वरूप वह स्वयं जल गयी और बालक को एक कल्याणकारी जो "सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय" की भावना रखने वाले व्यक्ति ने उस बालक को बचा लिया ! इस प्रकार की मानसिकता वाली महिलाएँ आज भी हैं जिन्हें फांसी की सज़ा सुनायी जा चुकी है! किन्तु अभी दिया नहीं गया है जैसे शबनम, सोनिया, पुणे की रेणुका और सीमा इन सभी के अपराध होलिका से कम नहीं हैं!
पौराणिक कथाओं में कुछ पुरुष अत्याचारी व अन्यायी थे जैसे रावण, कंस, वर्तमान में तो अनगिनत हैं, इसी प्रवृत्ति की कुछ महिलायें भी थीं जैसे ताड़का, होलिका,पूतना आदि! वर्तमान में इनकी संख्या भी अनगिनत है परन्तु हमें यह भी देखने को मिलता है, कि कुछ खानदानी अन्यायी अत्याचारी घरों के व्यक्ति होने के बावजूद भी इनमें मानवतावादी विचार धारा को देखने को मिलता है जैसे विभीषण, जटायु, घटोत्कच आदि, और महिलाओं की बात करें तो त्रिजटा, हिडिम्बा और बहुत से महिलाएं भी हैं! जो हमेशा समाज के कल्याण की भावना रखती थीं! होली हम सभी के जीवन को एक ऐसे रंग में रंगता है जिसमें द्वेष-भावना, जाति-पाति, ऊँच- नीच से ऊपर उठकर लोग एक दूसरे को गले से गले लगातें हैं, और एक सुर-ताल में अपने एकता और अखंडता का परिचय देते हैं यही हमें हमारे संस्कृति को "अनेकता में एकता- को प्रदर्शित करता है! और समाज के प्रत्येक व्यक्ति में "सर्व जन सुखाय व सर्व जन हिताय के भावार्थ" को प्रकट करता है! हम सभी देशवासियों को होली के पर्व पर एक ऐसा मिशाल पेश करना चाहिए जिससे पूरी मानव जाति और आने वाले समय में लोग हमसे भी प्रेरणा लें, और हमारे पपद चिन्हों पर चलकर इस परंम्परा वाली पर्व को अपने हर्षोल्लास के साथ मनाते रहें और प्राकृतिक संसाधनों का कुशलतम् व दक्षतम् उपयोग करें! धन्यवाद🙏💕 ✍ बीरेंद्र कुमार शर्मा

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