नारी- भारतीय समाज में नारी की भूमिका

Published by Pallavi pandey

नारी-भारतीय समाज में नारी की भूमिका

नारी समाज का एक अभिन्न अंग,जिसके बिना प्रकृति की सुंदरता अधूरी| नारी ही हमारे समाज का दर्पण हैं

By Aman Gupta

"भारतीय समाज में नारी की भूमिका-

बात हो रही भारतीय समाज में नारी की भूमिका की तो मैं आपको बताना 

चाहती हूँ कि नारी प्राचीन समय से आधुनिक युग तक समाज में एक बहुत ही अहम भूमिका निभाती आयी हैं! प्राचीन समय था जिसमें नारी को देवी की तरह पूजा जाता हैं वहीं दूसरी ओर उन्हें कमज़ोर भी समझा जाता हैं इसलिए आज के समय में देखो नारी की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी है! वह जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने सभी कर्तव्यों को पुर्ण रूप से निभाती है! वह एक माँ, पत्नी, बेटी, बहन आदि सभी रिश्तों को पूरे दायित्व और निष्ठा के साथ निभाती है। नारी ने रिश्तों को निभाने के लिए और परिवार को सहज कर रखने के लिए कई अत्याचार सहे! नारियों के साथ समाज में कई लोगो ने अपने गलत दृष्टिकोण के कारण, दुर्व्यवहार भी किया। नारी सभी की जरूरतों एवं खुशियों का ध्यान रखती हैं इसके बदले सिर्फ़ उसे चाहिए होता है थोड़ा सा सम्मान लेकिन वो भी उस ठीक से नहीं मिल पाता! हमारा भारत एक पुरुष प्रधान देश है, जहां सिर्फ पुरुषों की चलती है,महिलाओं को सिर्फ घर का काम करने के लिए समझा जाता है । उन्हें परिवार के फैसलों में भी हिस्सा नहीं लेने दिया जाता है!  फिर भी नारी अप्रत्यक्ष रूप से समाज में एक अहम भूमिका निभाती है । बिना नारी के घर एक दिन भी नहीं चल सकता है । नारी ही है जो सूझ-बूझ से अपना घर और समाज को चलाती है ।समाज भी नारी के अधिकारों के प्रति जागरूक और सतर्क हो गया है। अब परिवार में भी महिलाओं की हर बात में अहमियत है। महिलाएं आर्थिक और व्यक्तिगत रूप से मज़बूत और स्वतंत्र हो गयी है, जो कि एक सकारात्मक बदलाव है। नारी की उन्नति सिर्फ नारी की भलाई के दृष्टि से ही ज़रूरी नहीं बल्कि समग्र समाज की दृष्टि से भी बेहद ज़रूरी है। अंत में बस मैं यहीं कहना चाहूंगी कि " सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए क्योंकि नारी ही हमारे समाज का दर्पण हैं! उसे अपने परिवार में एक अहम हिस्सा देना चाहिए क्योंकि मेरा मानना हैं कि जिस घर में स्त्री दुःखी होती हैं उस घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं! 

"महिलाओं के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। समाज में उनके अहम योगदान को भूलना नहीं चाहिए और समाज हम सब लोगों से मिलकर बना हैं। अगर हम औरत का सम्मान करेंगे, उनकी इज्जत करेंगे तो वे समाज को यानि हमारी दुनिया को खूबसूरत बना सकती हैं।"

"कोमल हैं कमज़ोर नहीं तू,शक्ति का नाम ही नारी हैं|

जग को जीवन देने वाली,मौत भी तुझसे हारी हैं|


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