नारी की उन्नति पर ही राष्ट्र की उन्नति निर्भर हैं

 Published by  Pallavi pandey

नारी की उन्नति पर ही राष्ट्र की उन्नति निर्भर हैं

Written by Aman Gupta



*"सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर होना ज़रूरी*"

  देश बदल रहा है महिलाओं की दशा में सुधार आ रहा है और समय के साथ- साथ नारी शक्ति और सशक्त होती जा रही है। देखा जाए तो हर युग में प्रतिभाशाली महिलाएँ रही हैं और हर युग में उन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज में उदाहरण प्रस्तुत किया है जैसे- सीता, सावित्री, द्रौपदी, गार्गी आदि पौराणिक देवियों से लेकर रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई आदि महान रानियों से लेकर इंदिरा गाँधी और किरण बेदी से लेकर सानिया मिर्ज़ा आदि आधुनिक भारत की महिलाओं ने भारत को विश्व भर में गौरवान्वित किया और महिलाओं ने धरती पर ही नहीं अपितु अन्तरिक्ष में भी अपना परचम लहराया है इनमें सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला प्रमुख हैं। सही है कि हर युग में महिलाओं ने अपनी योग्यता का परचम लहराया है, लेकिन फिर भी यह देखने को मिलता है कि हर युग में उन्हें भेदभाव और उपेक्षा का भी सामना करना पड़ा है। महिलाओं के प्रति भेदभाव और उपेक्षा को केवल साक्षरता और जागरूकता पैदा कर ही खत्म किया जा सकता है। महिलाओं का विकास देश का विकास है और महिलाओं की साक्षरता उनकी जागरूकता और उनकी उन्नति न केवल उनकी गृहस्थी के विकास में सहायक साबित होती है बल्कि उनकी जागरूकता एवं साक्षरता देश के विकास में भी अहम् भूमिका निभाती है। इसीलिए सरकार द्वारा आज के युग में महिलाओं की शिक्षा और उनके विकास पर बल दिया जा रहा है और गाँव एवं शहर में शिक्षा के प्रचार प्रसार के व्यापक प्यास किये जा रहे हैं। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और अन्याय के प्रति आवाज उठाने की हिम्मत प्रदान ही असल में नारी सशक्तिकरण है। महिलाओं और बालिकाओं को कौशल विकास के माध्यम से आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना बहुत आवश्यक है। वास्तविकता यह है कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर महिलाएं वास्तव में सशक्त होती हैं तथा वे अपने जीवन के निर्णय स्वयं ले सकती हैं। 


*"कोई भी देश यश के शिखर पर तब तक नहीं पहुंच सकता, जब तक उसकी महिलाएं कंधे से कन्धा मिला कर ना चलें*"

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