देवघर रोपवे हादसा में फंसे लोगों ने प्यास बुझाने के लिए जमा किया मूत्र




आखिर क्या है मामला ?


रविवार को झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे फंस गया। जिसमें 50 यात्री फंस गए थे। 45 घंटे रेस्क्यू चलने के बाद 48 लोगों को सुरक्षित निकाला गया जबकि 2 लोगों की मौत हो गई।सोमवार की शाम 5:00 बजे वायु सेना द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया गया जो 45 घंटे तक चला। मंगलवार को 7 घंटे के करीब ऑपरेशन चला।

कुल 156 रेस्क्यू के लिए सेना तैनात की गई थी 1500 फीट की ऊंचाई पर पहुंच कर रेस्क्यू रोप वे की तीन ट्रॉली में फंसे 15 लोगों को निकाला गया। हवा तेज होने की वजह से रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था। रेस्क्यू के दौरान एक जवान की घायल होने की भी खबर आई है। 12 लोग घायल और 2 लोगों की मृत्यु की भी पुष्टि हुई है । एक की मृत्यु ट्रॉली के टकराने से और दूसरे की मृत्यु रेस्क्यू के दौरान हुई।

1509 फीट ऊपर फंसने की वजह से ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगा और प्यास बढ़ने लगी। और डर के माहौल की वजह से लोगों की मनोदशा भी खराब होने लगी ‌। सोमवार की दोपहर तक पानी नहीं मिलने की वजह से उन्होंने अपने मूत्र को बोतल तक में जमा कर दिया। 

ट्रॉली में फंसे विनय कुमार ने यह घटना बताएं कि किस तरह वह सब पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे थे। अंततः वायु सेना की जाबाजी की वजह से उन्हें सुरक्षित निकाला गया। 

सरल भारत न्यूज़ के तरफ से वायु सेना को सलाम और मृतक के परिवार के लिए संवेदना व्यक्त करते हैं।


 लेख – हर्ष वर्धन                                      




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