क्या है web 3.0, जो बदल देगा internet की दुनिया ।



हम वेब 3.0 की शुरुआत के साथ प्रौद्योगिकी के दूसरे स्तर पर जा रहे हैं।  वेब 3.0 क्या है? यह इंटरनेट की एक पीढ़ी है।  कुल मिलाकर, अब तक इंटरनेट की दो पीढ़ियां आ चुकी हैं।

 पहली पीढ़ी WEB थी जो 1991-2004 तक थी।  यहां इंटरनेट किसी अन्य अखबार की तरह ही था।  इंटरनेट के माध्यम से दूसरों के साथ बातचीत करने का कोई तरीका नहीं था।  इंटरनेट पर केवल जानकारी दी जाती थी और हमें उसका उपभोग करना होता था।

लेकिन 2004 में फेसबुक की शुरुआत के साथ ही सब कुछ बदल गया।  इंटरनेट की एक और पीढ़ी अस्तित्व में आई, जो वेब 2.0 है।  यह इंटरनेट पीढ़ी है जिसका हम वर्तमान में उपयोग कर रहे हैं।  इस पीढ़ी के माध्यम से, हम अब सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे के साथ बातचीत करने में सक्षम हैं और तस्वीरें और वीडियो साझा कर सकते हैं।

 अब, इंटरनेट की नई पीढ़ी को पेश करने की बातें हो रही हैं, जो कि वेब 3.0 है। इ

समें इतना नया क्या है?बता दिया जाए कि यह 3 नई सुविधाओं के साथ आता है:

 1) गुप्त उपयोगकर्ता पहचान

 2) सूचना का विकेंद्रीकरण

 3) कंटेंट पर मालिकी केवल उनके असली रचनाकारों के लिए है।


 चूंकि उपयोगकर्ता की पहचान कंपनियों और डेटाबेस के सामने प्रकट नहीं की जाएगी, वे अपने सर्वर में संग्रहीत जानकारी का उपयोग उन उपयोगकर्ताओं के लिए नहीं कर पाएंगे जिन्होंने अपनी जानकारी डाली है।  इसलिए, कंपनियां उपयोगकर्ताओं को उनकी खोजों के कीवर्ड के आधार पर विज्ञापन प्रदान नहीं कर पाएंगी।

सूचना के विकेंद्रीकरण का अर्थ है हमारी व्यक्तिगत जानकारी जिसे बड़ी कंपनियां हमारी सहमति के बिना उपयोग करती हैं, वे हमारी अनुमति के बिना उसका उपयोग नहीं कर सकती हैं।  इसलिए, हमारी जानकारी और डेटा की गोपनीयता बनी रहती है।

जो कंटेंट हम सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं वह उपयोगकर्ता के मालिकी में नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया कंपनी के मालिकी में है।  इसलिए जैसे ही हम कोई वीडियो पोस्ट करते हैं, वह कंपनी का कंटेंट बन जाता है।  लेकिन WEB 3.0 में, हमारे कंटेंट के मालिक हम होंगे न कि सोशल मीडिया कंपनी।


 Written by

 Richa Mishra

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