विश्व रेड क्रॉस क्या हैं?और इसकी क्या विशेषता होती हैं?
• इस वर्ष विश्व रेड क्रॉस दिवस 'Be Human Kind' थीम के तहत मनाया गया। वर्ल्ड रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटी विश्व स्तर पर जनमानस को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने में सहयोग करती है
• दुनिया भर के लगभग हर देश में राष्ट्रीय रेड क्रिसेंट सोसाइटी और रेड क्रॉस सोसाइटी पाई जाती है।
इतिहास:
• रेड क्रॉस ट्रूस के सिद्धांतों को वर्ष 1934 में 15वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था, जहाँ विश्व रेड क्रॉस दिवस को स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
• इस दिवस को विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट दिवस के रूप में भी जाना जाता है। हेनरी ड्यूनेंट ने वर्ष 1863 में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC) की स्थापना की थी।
• 8 मई, 1828 को स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में जन्में स्विस मानवतावादी, व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता हेनरी ड्यूनेंट नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता थे।
जरूरतें:
• सचाई तो यह है कि आज की विकट परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस जैसी संस्था पूरे विश्व की जरूरत बन गई है जो आपदा के समय भरोसेमंद दोस्त की तरह मदद का हाथ बढ़ाती है।
• इतना ही नहीं देश में रक्त एकत्र करने और उसको जरूरतमंद लोगों को समय पर पहुंचाने में यह संस्था जिस प्रकार कार्य कर रही है, वह किसी से छिपा नहीं है।
• यह लोगों को रक्तदान की प्रेरणा देती है, ताकि लोग अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करें।
• यह स्वयं शिविर लगाकर हर साल बड़ी मात्रा में रक्त एकत्र करती है, ताकि जरूरत के समय किसी प्रकार की कमी न रहे।
भारतीय रेड क्रॉस:
• भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी एक स्वयंसेवी राहत संस्था है है जो पूरे देश में 700 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क है, यह आपदा और आपातकाल के समय राहत प्रदान करता है और कमजोर लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है।
• देश के विभिन्न भागों में यह संस्था बहुत ही सफलता के साथ कार्य कर रही है। इसमें शामिल होने वाले कर्मठ स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
• वैश्वीकरण के इस जमाने में तेल और परमाणु हथियारों पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए युद्ध की बढ़ती आशंका और समय-समय पर भूकंप, तूफान और इसी तरह की अन्य अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के समय पेश आने वाले मुश्किल हालात से निपटने में अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस जैसी संस्था का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
ICRC की संरचना और विकास:
• रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति तब विश्व भर में तब अस्तित्व में आई, जब 1859 में सोलफेरिनो की लड़ाई में स्विस मानवतावादी जीन-हेनरी डुनेंट ने ऑस्ट्रिया और फ्रांस के घायल सैनिकों के लिए आपातकालीन सहायता का आयोजन किया।
• अपनी पुस्तक यूएन स्मारिका डी सोलफेरिनो (1862; "ए मेमोरी ऑफ सोलफेरिनो") में भी, डुनेंट ने सभी देशों में स्वैच्छिक राहत समाजों का प्रस्ताव रखा।
• 1864 के जिनेवा कन्वेंशन ने युद्ध के घायलों की देखभाल करने के लिए हस्ताक्षर करने वाली सरकारों को प्रतिबद्ध किया, चाहे दुश्मन हो या दोस्त।
• इस कन्वेंशन को संशोधित किया गया और समुद्र में युद्ध के पीड़ितों (1907), युद्ध के कैदियों (1929) और युद्ध के समय में नागरिकों (1949) के पीड़ितों की रक्षा के लिए नए सम्मेलनों को अपनाया गया।
• रेड क्रॉस ईसाई प्रायोजन के तहत देशों में इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है जबकि मुस्लिम देशों में रेड क्रिसेंट का इस्तेमाल किया जाता है।
• ICRC एक निजी संस्थान है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघर्षों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय गड़बड़ी के दौरान मानवीय मामलों में एक तटस्थ और स्वतंत्र बिचौलिए के रूप में कार्य करता है।
• इसका काम मानवीय आचरण को बढ़ावा देना और पीड़ितों के लिए सहानुभूति प्राप्त करना है। ICRC संघर्ष से संबंधित सभी राजनीतिक मुद्दों से अलग रहता है।
ICRC के उद्देश्य:
• ICRC युद्ध और आंतरिक हिंसा के सभी पीड़ितों की मदद करने के लिए काम करता है, सशस्त्र हिंसा को प्रतिबंधित करने वाले मानवीय नियमों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
• इसका मिशन मुख्यतः युद्ध में बल प्रयोग को नियंत्रित करने वाले नियम बनाने और कमजोरों की गरिमा की रक्षा करने की बुनियादी मानवीय इच्छा से उत्पन्न होता है।
• युद्ध और आंतरिक हिंसा के पीड़ितों की मदद करने और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के एक जनादेश के साथ,
• ICRC सशस्त्र संघर्ष और आंतरिक हिंसा के पीड़ितों की रक्षा और सहायता करने का प्रयास करता है ताकि उनकी शारीरिक अखंडता और उनकी गरिमा को बनाए रखा जा सके और ताकि वे जल्द से जल्द अपनी स्वायत्तता हासिल कर सकें।
Writer- सीमा पांचाल 📖
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