श्रीलंका मे क्यो लगाना पड़ा आपातकाल क्या- क्या गलतियाँ हुई वहाँ की सरकार से

Written By:- Sonali Kesarwani.

28 July 2022.



हिन्दी मे एक बहुत ही प्रचलित कहावत है कि गेहूँ के साथ हमेशा घुन भी पीसी जाती है और ये बात कही ना कही श्रीलंका पे बहुत ही अच्छी तरह से लागू होता हुआ दिखाई देता है। क्योकि वहाँ की सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिये जिसका असर पूरे श्रीलंका पर देखा जा सकता है। लेकिन ऐसा कहना गलत होगा की वहाँ की सरकार ने ये सारे फैसले जानबूझ कर लिये। लेकिन अगर आपके ऊपर किसी देश को चलाने की जिम्मेदारी दी जाती है तो फैसला चाहे गलती से लिया गया हो या फिर जानबूझकर उनके नतीजो के पूरे जिम्मेदार आप ही होगे। क्योकि हाल ही मे श्रीलंका मे आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।

क्या रहा श्रीलंका का इतिहास

श्रीलंका का इतिहास यूँ 8-10 सालो का नही है इसका इतिहास समझ लेने से वाकई मे आप वर्तमान मे हुये आर्थिक संकट की पूरी कहानी को समझ लेगे , दरअसल श्रीलंका मे 1973 से लेकर 2009 तक लगभग 26 साल तक श्रीलंका मे गृह युद्ध चलता रहा जिसकी वजह से वहाँ का आर्थिक विकास नही हो पाया फिर 2009 से लगभग 2012 तक लगातर वहाँ की GDP लगातार 8-9% तक रही लेकिन उसके बाद से वहाँ की GDP लगातर घटती चली गई।

2009 मे वित्तीय संकट से बचने के लिये श्रीलंका ने IMF (अन्तरास्ट्रीय मुद्रा कोष) से 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर्ज लिया जिसको वापस नही कर पाया और 2016 मे फिर से 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर IMF से मांगे लेकिन इस बार IMF ने कर्ज अपनी कुछ शर्तो पर दिया। 

2019 मे हुए ईस्टर बम धमाके से वहाँ के पर्यटन स्थल को भारी नुकसान हुआ जिसकी वजह से वहाँ पर पर्यटको की संख्या मे भारी गिरावट देखने को मिली और जब विदेश से लोग यहां आते नही थे तो जायज़ सी बात है कि विदेशी मुद्रा मे भी कमी आई ही हुई होगी। 



क्या थे सरकार के फैसले जिसकी वजह से लोग सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है

श्रीलंका की सरकार ने कुछ फैसले ऐसे लिये जिसको लेकर यह कहा जा रहा है कि आज श्रीलंका की जैसी भी स्थिति है उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ वहाँ की सरकार है आइये जानते है सरकार द्वारा लिये गये फैसले

• साल 2021 मे वहाँ की सरकार ने विदेशो से आने वाले सारे कृषि उर्वरकों के आयात पर बैन लगा दिया और ये कहा की हमारे यहां 100% जैविक खेती होगी, लेकिन आने वाले समय मे ऐसा बिल्कुल नही हो सका एक तो उसी समय कोरोना जैसी महामारी से पूरी दुनिया बुरी तरह प्रभावित हो चुकी थी और दूसरी तरफ जैविक खेती के घोषणा के बाद से ऐसा बिल्कुल नही हुआ उस साल श्रीलंका की कृषि बुरी तरह प्रभावित हुई और अंत मे श्रीलंका को अनाज विदेशो से मंगाना पड़ा वो भी अधिक कीमतो पर ।

• श्रीलंका ने हंबनटोटा बंदरगाह बनवाने के लिये चीन से 1.4 बिलियन डॉलर कर्ज पर लिया लेकिन समय पर चुकाने मे असमर्थ रहा ।श्रीलंका पर चीन का 8 अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज है।

तो ऐसी कुछ वजह थी जिसकी वजह से लोग श्रीलंका की सरकार पर काफी नाराज थे और उनके खिलाफ लगातार पूरे श्रीलंका मे विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और तो और वहाँ की सरकार से इस्तीफे की माँग भी कर रहे थे। अंत मे विरोध इतना बढ़ गया की वहाँ की सरकार को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

अन्य देशो द्वारा उठाया गया कदम

वैसे श्रीलंका का पड़ोसी देश होने के कारण भारत ने अब तक श्रीलंका को 3.5 अरब डॉलर आर्थिक मदद दे दिया है।

G7 समूह ( कनाडा,फ्रांस,जर्मनी ,इटली,जापान,ब्रीटेन और अमेरिका) ने भी श्रीलंका को ऋण चुकाने मे मदद देने की घोषणा की है।

उम्मीद यही है की वहां की नई सरकार और बाकी देशो की सहायता से जल्द ही श्रीलंका की स्थिति मे सुधार देखने को मिलेगा।

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